Indian News : आज श्रीकृष्ण ( shree krishna) का 5249वां जन्मोत्सव है। रात के आठवें मुहूर्त में भगवान का जन्म हुआ था, इसलिए आज रात 12.05 के बाद 12:45 तक मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नाथद्वारा और इस्कॉन मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्म पर्व मनेगा। लोग अपने घरों में भी इस समय कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।
जन्माष्टमी पर सितारों का महासंयोग
19 अगस्त को महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव और छत्र नाम के शुभ योग रहेंगे साथ ही कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति नाम के राजयोग बन रहे हैं। इस तरह जन्माष्टमी पर इन आठ योगों का महासंयोग पिछले 400 सालों में नहीं बना। इन योगों में पूजा करने से पुण्य फल और बढ़ जाएगा।
विधि : ब्रह्म मुहूर्त से अगले दिन तक
जन्माष्टमी के ब्रह्म मुहूर्त से अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक व्रत करना चाहिए। इसके बाद अगले दिन रोहिणी नक्षत्र खत्म होने पर व्रत खोलने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। हालांकि कुछ लोग रात में 12 बजे के बाद ही व्रत पूरा कर देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। जानकारों का कहना है कि कोई व्रत अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख से नहीं बल्कि सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक रहता है।
भगवान कृष्ण की पूजा करने से पिछले तीन जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं
पुराणों में कहा गया है इस दिन बिना अन्न खाए भगवान कृष्ण की पूजा करने से पिछले तीन जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मनोकामनाएं ( wishes)भी पूरी होती है। जन्माष्टमी पर उपवास के साथ श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। अष्टमी को जया तिथि भी कहते हैं, यानी यह जीत दिलाने वाली तिथि है। इस उपवास से सभी कामों में जीत मिलती है। उपवास इसलिए ताकि भगवान की पूजा करते समय मन, शरीर और विचार शुद्ध रहें।
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