Indian News : दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) यानी सीआरपीसी (CrPC) में कोर्ट और मजिस्ट्रेट से संबंधित जानकारी मिलती है. इसी प्रकार सीआरपीसी की धारा 17 मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Chief Metropolitan Magistrate) और अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Additional Chief Metropolitan Magistrate) के विषय अवगत कराती है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 17 (Section 17) क्या कहती है? इसमें क्या प्रावधान है?

सीआरपीसी की धारा 17 (CrPC Section 17)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 17 (Section 17) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Chief Metropolitan Magistrate) और अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Additional Chief Metropolitan Magistrate) की नियुक्ति और शक्तियों के बारे में अवगत कराती है. महानगर मजिस्ट्रेट (Additional Chief Metropolitan Magistrate) की नियुक्ति और शक्तियों के बारे में अवगत कराती है. मसलन- 




(1) हाई कोर्ट (High Court) अपनी स्थानीय अधिकारिता (Local Jurisdiction) के भीतर प्रत्येक महानगर क्षेत्र (Metropolitan Area) के संबंध में एक महानगर मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate) नियुक्त करेगा.
 
(2) हाई कोर्ट (High Court) किसी महानगर मजिस्ट्रेट (Metropolitan Area) को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Additional Chief Metropolitan Magistrate) नियुक्त कर सकता है, और ऐसे मजिस्ट्रेट को, इस संहिता के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट की सब या कोई शक्तियां (Powers) , जिनका हाई कोर्ट निदेश दे, होंगी.

क्या है सीआरपीसी (CrPC)

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

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