Indian News : अपनी मर्जी से तलाक लेने पर मुस्लिम महिला को पति से गुजारा-भत्ता पाने का हक क्यों नहीं है? इस पर केरल हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.

एक मामले में सुनवाई के दौरान केरल हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर कोई मुस्लिम महिला मर्जी से तलाक लेती है, तो वो पति से गुजारा-भत्ता पाने की हकदार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत उसे गुजारा-भत्ता नहीं मिल सकता.

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अगर कोई मुस्लिम महिला अपनी सहमति और मर्जी से तलाक लेती है, तो इसे इस्लामी प्रथा में ‘खुला’ कहा जाता है. 

कोर्ट ने कहा कि अगर मुस्लिम महिला अपनी सहमति या मर्जी से पति को तलाक देती है, या फिर किसी कारण से पति के साथ रहने से मना करती है या फिर सहमति से ही दोनों अलग-अलग रह रहे हों तो वो सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा-भत्ता पाने की हकदार नहीं है.

क्या था मामला?

रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने गुजारा-भत्ता के लिए सबसे पहले फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसने अपने लिए हर महीने 15 हजार और बच्चे के लिए 12 हजार रुपये के गुजारा-भत्ता की मांग की थी.

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