Indian News : अंबिकापुर | अंबिकापुर के कला केंद्र मैदान में पंडित विजय शंकर मेहता के द्वारा हनुमान चालीसा का व्याख्यान किया गया वहीं परिवार प्रबंधन पर विशेष उद्बोधन देते हुए कहा की आज के युग में परिवार के टूटने का मुख्य कारण है कि आज के परिवेश में लोग अध्यात्म से दूर होते जा रहे हैं जिसके चलते एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं और लोगों के दुख का कारण भी बनता जा रहा है पंडित मेहता ने कहा कि लोगों को हनुमान जी जैसा बनने के लिए और राम काज करने के लिए नियमित आध्यात्मिक होना जरूरी है |

प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ कर उसे अपने जीवन में उतारने वाले कभी भी निराश और हताश नहीं होंगे हनुमान जी ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सदैव दूसरों के लिए दूसरों के घर बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया वही सीता मां को मां का दर्जा दिया उन्होंने कहा कि एक बंदर बहुत ही सुंदर जिसके दिल के अंदर श्री रामचंद्र उन्होंने लोगों आह्वान किया की अपने अंदर के सभी पापों से मुक्त होकर अपने अंदर की अहम को बाहर फेंक कर परोपकार व सेवा भाव लाएं सदा मुस्कुराते रहें और अपने बच्चों के भविष्य को संवारने में माता पिता को हमेशा चरित्रवान रहना चाहिए

ताकि उनके बच्चे आगे चलकर अपने माता-पिता के बातों का अनुसरण करें उन्होंने कहा कि मां सबसे बड़ी शक्ति होती है और जीवन में कभी भी अपनी मां का दिल ना दुखाना और सदैव मां की आशीर्वाद और सेवा करते रहना चाहिए वही पति पत्नी के लिए भी कहा कि एक दूसरे को सदैव हंसते मुस्कुराते हुए बातें करनी चाहिए जीवन के सारे तनाव को भूलकर घर जाकर अपने परिवार के साथ हंसीये मुस्कुराइए तभी जाकर परिवार से और उनके जीवन से दुख और कष्टों का निवारण होगा। इस दौरान अंबिकापुर कला केद्र ग्राउंड में कथा वाचन को सुनने के लिए लोगो का भारी हुजूम देखने को मिला ।

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