Indian News : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव कांसाबेल बागबहार फरसाबहार और बगीचा ब्लॉक में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है. जिले का मौसम और यहां की मिट्टी टमाटर की फसल के लिए काफी अनुकूल है और इसी वजह से यहां पर टमाटर का उत्पादन काफी अच्छा होता है. टमाटर की ये फसलें ना सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि ओडिसा झारखण्ड बिहार मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश तक जाती हैं.
टमाटर अन्य राज्यों में बेचने पर जशपुर के किसानों को काफी फायदा होता है, जिससे किसान लाभन्वित हो रहे हैं और आर्थिक रूप से संपन्न बन रहे हैं. टमाटर बेचकर जिले के टमाटर किसानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी काफी बदलाव आया है. लेकिन इस साल इन सबसे उलट कम बारिश की वजह से किसान परेशान हैं.
जशपुर जिले में इस साल पिछले 10 वर्षों की तुलना में 21 प्रतिशत वर्षा हुई है. इसमें अधिकांश वर्षा अगस्त माह के कुछ दिनों में ही हुई है. टमाटर किसानों ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में टमाटर की फसल लगाई थी, लेकिन कम बारिश की वजह से अधिकांश किसानों की फसलें पानी के अभाव में सुख गईं. इसके बाद किसानों ने फिर से टमाटर की फसल लगाई. इनमें से कुछ किसान ऐसे हैं, जिन्होंने टमाटर के पौधे ऊंचे दर पर रायपुर से मंगवाया था और उसमें से अधिकांश पौधे सुख गए.
अब किसान फिर से पौधे मंगवाकर सूखे पौधे के जगह उस नए पौधों को लगा रहे हैं, जिससे किसानों को लागत और फसल पकने के समय मे बढ़ोत्तरी हो रही है जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. टमाटर के पौधों को सुरक्षित रखने प्लास्टिक की मलचिंग पौधे के ऊपर बिछाई जाती है, लेकिन तेज धूप की वजह से वो मलचिंग भी जगह जगह से फट रही है जिससे किसानों को फसल सुरक्षित करने नई मलचिंग लगानी पड़ रही है.
टमाटर किसान श्याम नारायण का कहना है कि इस बार टमाटर किसानों को अभी तक तो नुकसान हुआ ही है लेकिन आने वाले समय मे धूप कम नहीं हुई और बारिश नहीं होती है तो किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है.
जशपुर उद्यान विभाग के उद्यान अधिकारी पिंगल कुजूर का कहना है कि टमाटर किसानों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है और जिन किसानों का फसल बीमा होगा उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा. फिलहाल टीम द्वारा प्रभावित इलाकों में फसलों का सर्वे किया जा रहा है.