Indian News : नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से रूस के कज़ान के लिए उड़ान भरी, जहां वे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन की मेज़बानी रूस कर रहा है, और इसमें ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण चर्चा होने की उम्मीद है।

सम्मेलन का महत्व

ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों का यह शिखर सम्मेलन वैश्विक विकास और बहुपक्षीयता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस वर्ष का सम्मेलन ‘न्यायपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ विषय पर केंद्रित है। इस सम्मेलन में भाग लेकर भारत अपने सहयोगी देशों के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए रणनीतियाँ विकसित करेगा।

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द्विपक्षीय बैठकें

प्रधानमंत्री मोदी के शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी योजना है। इन बैठकें के माध्यम से, मोदी वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे और भारत के हितों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।




आर्थिक और सामाजिक सहयोग

इस शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। मोदी सरकार ने ब्रिक्स के माध्यम से विकासशील देशों की आवाज़ को मजबूती देने और वैश्विक शासन में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए हैं।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन

ब्रिक्स सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत ने अपने स्थायी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को पहचाना है, और इस संदर्भ में ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग की संभावना पर चर्चा की जाएगी।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेना भारत की वैश्विक रणनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सम्मेलन न केवल आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने का भी एक अवसर देगा।

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