Indian News : रायगढ़ |  अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या करने वाले आरक्षक को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. 2 वर्ष पहले ट्रैफिक थाना में पदस्थ आरक्षक कुलदीप ने चरित्र शंका में अपनी पत्नी सुजाता चौहान को तवा और सिलबट्टे से मार कर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद किसी को उसके ऊपर शक न हो इसके लिए पुलिस वाले ने मृत पत्नी की लाश को कमरे में बंद करके ड्यूटी पर चला गया. ड्यूटी करने के बाद दोपहर में वापस आकर पड़ोसियों से पूछताछ करने लगा कि उसकी पत्नी बिना बताए कहीं चली गई है. घर का ताला बंद है. ऐसे में ताला तोड़ने के लिए पड़ोसियों की मदद चाहिए.

पुलिस आरक्षक की बात सुनकर पड़ोसियों ने भी मदद करते हुए ताला तोड़ दिया. घर का ताला टूटने के बाद खून से लथपथ महिला के शव देख सबके होश उड़ गए. सबके सामने अनजान बनते हुए पत्नी की किसी ने हत्या कर दी कहके विलाप करने लगा. पुलिस वाले की पत्नी की हत्या की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे. पुलिस अपने परिवार को सुरक्षित नहीं कर पा रही है. मामले की गंभीरता को समझते हुए अपने ही जवान के ऊपर कड़ाई से पूछताछ और पड़ोसियों के बयान के आधार पर पता चला कि पत्नी की हत्या कर बचने के लिए झूठी कहानी रची गई थी.

इन धाराओं में मिली सजा





विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने बताया कि जूटमिल पुलिस ने आरक्षक कुलदीप चौहान को गिरफ्तार कर लिया. 2 साल मामला चलने के बाद विशेष न्यायालय ने अपनी गर्भवती पत्नि की हत्या के अपराध मे आरक्षक को धारा 302 आईपीसी, एवं एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत कुलदीप को सजा दी गई है. रायगढ़ के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने कुलदीप को 10 हजार रुपये  के अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा का ऐलान किया है.

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