Indian News : साओ पाउलो | रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मिस बमबम की पहली मुलाकात 2018 में हुई थी। पुतिन ने उन्हें भविष्य में रूस आने का न्यौता दिया था और उनकी जमकर मेहमानवाजी की थी। लेकिन पुतिन के साथ एक डिनर करने वाली मिस बमबम अब उन्हें ‘सनकी’ कह रही हैं। आखिर यह मिस बमबम कौन हैं और पुतिन के साथ उनका क्या रिश्ता है? उस डिनर पर ऐसा क्या हुआ था जो पुतिन उन्हें एक ‘हिंसक मनोरोगी’ लगे? डेलीस्टार की एक खबर में इन सभी सवालों के जवाब हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील की सूज़ी कॉर्टेज़ की पुतिन से मुलाकात तब हुई जब वह ‘वर्ल्ड कप इवेंट 2018’ के लिए रूस पहुंची थीं। मिस बमबम ब्राजील का एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट है जिसका आयोजन हर साल किया जाता है। इसमें वह महिला विजेता बनती है जिसके हिप्स देश में सबसे बेस्ट होते हैं। मिस बमबम स्टार सूज़ी और पुतिन की जान-पहचान सीबीएफ (ब्राजील फुटबॉल कॉन्फेडेरेशन) इवेंट के माध्यम से हुई। सूज़ी ने वर्ल्ड कप इवेंट के दौरान पुतिन के साथ डिनर किया जिसमें वह काफी असहज हो गईं। अब मिस बमबम ने अपने असहज अनुभव के बारे में बताया है।

पुतिन ने दबाया मिस बमबम का हाथ

जैम प्रेस से बात करते हुए सूज़ी ने कहा, ‘पुतिन ने मेरा हाथ दबाया और कुछ मिनट तक मुझे घूरते रहे जिससे मैं थोड़ा डर गई।’ उन्होंने कहा, ‘वह ऐसे बैठते थे जैसे वह किसी सिंहासन पर बैठे हों। जब भी वह मुझसे कुछ कहना चाहते थे, तो पहले वह अपने सेक्रेटरी से कहते थे और फिर उनका सेक्रेटरी मेरे पास आकर मुझे बताता था कि उन्होंने क्या कहा है’ सूज़ी ने बताया कि पुतिन ने उनकी बहुत तारीफ की और उन्हें रूस आने के लिए आमंत्रित किया, जब भी वह आना चाहें।

पुतिन से मिलने के बाद सरकारी गाड़ी में घूमने लगीं मिस बमबम

मिस बमबम ने बताया, ‘जब मैं रूस पहुंची थी तो मॉस्को घूमने के लिए उबर का इस्तेमाल करती थी। लेकिन पुतिन से मिलने के बाद एक सरकारी गाड़ी मुझे हर जगह लेकर जाती थी, जहां भी मैं जाना चाहूं। यह मुझे बहुत अजीब लगता था क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह मेरी सुरक्षा के लिए है या फिर मुझ पर नजर रखी जा रही है। मैं एक हफ्ते वहां रूकी और फिर वापस ब्राजील आ गई।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं वर्ल्ड कप के लिए रूस लौटी तो मैंने पुतिन से न मिलने की पूरी कोशिश की क्योंकि मैं उनके साथ असहज महसूस करती थी।’

‘मॉस्को में मैं खतरे में थी’

सूज़ी ने बताया, ‘मैंने उनसे कहा था कि अगर संभव होगा तो मैं वापस आऊंगी। उसके बाद मैंने उन्हें दोबारा कभी नहीं देखा। लेकिन आज मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि मॉस्को में मैं खतरे में थी।’ मौजूदा युद्ध को लेकर उन्होंने कहा, ‘पुतिन ने यूक्रेन पर युद्ध की घोषणा करके यह साबित कर दिया है कि वह वाकई एक हिंसक मनोरोगी हैं।’

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