Indian News : AI चिप बनाने वाली अमेरिका की मशहूर कंपनी एनवीडिया (Nvidia) आज दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन गई है । इस कंपनी की नेटवर्थ 3 लाख करोड़ (3.34 ट्रिलियन डॉलर) है । इस कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट को भी पीछे छोड़ दिया है । कंपनी अप्रैल 1993 में खड़ी की गई थी और 31 साल में इस कंपनी ने इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लिया, लेकिन यह मुकाम यूं ही नहीं मिल गया । इस मुकाम के पीछे कंपनी के CEO और फाउंडर जेनसन हुआंग का खून पसीना है | कंपनी को जेनसन ने अपने 30वें बर्थडे पर शुरू किया था । इस कंपनी में उनके पार्टनर कर्टिस प्रीम और क्रिस मालाचोव्स्की हैं । इस कंपनी का पहला प्रोडक्ट कंप्यूटर गेम्स के लिए स्पेशल चिप थी, जो आज ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) के नाम से मशहूर है । आज गेम जोन में दिखाई देने वाली हर गेमिंग मशीन में यही चिप लगी होती है।

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कौन हैं जेनसन हुआंग?

जेनसन हुआंग साल 1963 में ताइवान में पैदा हुए थे। जब वे 5 साल के हुए तो परिवार थाईलैंड में शिफ्ट हो गया । साल 1973 में 10 साल का होते ही मां-बाप ने जेनसन को अमेरिका भेज दिया, जहां वे अपने रिश्तेदार के यहां रुके । उन्हें अमेरिका भेजा गया, क्योंकि उनके मां-बाप काफी गरीब थे और वे उनकी पढ़ाई का खर्चा नहीं उठा सकते थे, लेकिन मां उन्हें अंग्रेजी सिखाना चाहती थी । इसके लिए वे और उनका भाई कड़ी मेहनत करके किताबें खरीदकर लाते थे। अमेरिका के एलिमेंटरी स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की, लेकिन स्कूल में उन्हें बुली किया जाता था । किसी तरह पढ़ाई पूरी करने के बाद जेनसन पोर्टलैंड शिफ्ट हो गए । वहां उन्होंने गुजारे के लिए एक रेस्टोरेंट में काम किया । जहां वे बर्तन धोते थे और वॉशरूम की सफाई करते थे।

 जेनसन हुआंग ने रेस्टोरेंट में नौकरी करने के साथ-साथ ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की । 1984 में ग्रेजुएशन के बाद AMD नाम कंपनी में जॉब की । इस कंपनी में वे माइक्रोप्रोसेसर बनाते थे ।  जेनसन रात में पढ़ाई करते थे और दिन में नौकरी करते थे । इसी रूटीन

 के साथ 1992 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग की मास्टर्स डिग्री ली । AMD के अलावा उन्होंने LSI लॉजिक कंपनी में भी काम किया । आज वही AMD कंपनी उनकी प्रतिद्वंदी है । LSI लॉजिक कंपनी में जॉब करते समय उनकी दोस्ती क्रिस और कर्टिस से हुई। एक दिन तीनों ने नौकरी छोड़ दी और फिर उस रेस्टोरेंट   में काम करने लगे, जिसमें जेनसन जॉब करने से पहले नौकरी किया करते थे । तीनों को बर्तन धोने का काम मिला था।

जेनसन ने कुछ बड़ा करने का फैसला लेते हुए दोस्तों से बात की और एक कंप्यूटर खरीदकर अप्रैल 1993 में कंपनी शुरू की । धीरे-धीरे कंपनी में 20 लोग काम करने लगे । क्योंकि तीनों को डिजाइनिंग आती थी, इसलिए चिप बनाने का फैसला लिया । पहली चिप खुद डिजाइन की, लेकिन NV-1 चिप फेल हो गई । उन्होंने करीब ढाई लाख चिप बेचीं, लेकिन स्टॉक वापस आ गया । दूसरी चिप डिजाइन की, लेकिन वह भी कामयाब नहीं हुई । आर्थिक नुकसान बढ़ता देख, दोस्त बोले कंपनी बंद कर देते हैं, लेकिन जेनसन ने एक और कोशिश करने का फैसला लिया । 128NV-3 नाम से चिप बनाई, जो इतनी कामयाब हुई कि आज कंपनी 3 लाख करोड़ की कंपनी बन गई । जेनसन कहते हैं कि प्रयास करते रहो, सफलता जरूर मिलेगी। हिम्मत छोड़ी तो हार के सिवा कुछ नहीं मिलेगा ।

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