Indian News : बुरहानपुर | मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के ग्राम बहादरपुर में शिव धाम में एक अनोखी परंपरा का आयोजन किया गया, जहां मोती माता की स्थापना नवरात्र के बाद दशहरे के दिन की जाती है। इस विशेष अवसर पर आयोजित धर्म आधारित प्रतियोगिता ने स्थानीय संस्कृति को एक नई दिशा दी है और पंडित योगेश चतुर्वेदी के नेतृत्व में इस परंपरा को आगे बढ़ाया गया है।
मोती माता की स्थापना : पंडित योगेश महाराज द्वारा शुरू की गई इस परंपरा में मोती माता की स्थापना की जाती है, जो उन्हें स्वप्न में दिखाई देती थीं और उनकी स्थापना के लिए प्रेरित करती थीं। इस आयोजन का उद्देश्य माता की आराधना के माध्यम से श्रद्धालुओं को धार्मिक भावनाओं से जोड़ना है। माता की आराधना का यह क्रम करवाआठम तक जारी रहता है, जो स्थानीय समुदाय में धार्मिक उत्साह का संचार करता है।
धर्म आधारित प्रतियोगिता : इस विशेष अवसर पर धर्म आधारित प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें 2 से लेकर 70 साल तक के पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। प्रतियोगिता में पूछे गए प्रश्नों का उद्देश्य लोगों को धर्म और संस्कृति का ज्ञान देना था। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं लोगों में धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देती हैं।
पंडित योगेश महाराज का दृष्टिकोण : पंडित योगेश महाराज का मानना है कि धर्म में फिल्मी गीतों और आडंबर का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजन का कारण बताया कि यह धार्मिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। उनका दृष्टिकोण स्थानीय लोगों को संस्कृति और धर्म के मूल तत्वों से अवगत कराना है।
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संस्कृति का संरक्षण : यह परंपरा न केवल धर्म को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय संस्कृति को भी आगे बढ़ाती है। बुरहानपुर जिले के निवासी इस प्रकार के आयोजनों को महत्वपूर्ण मानते हैं, जो उन्हें अपनी धार्मिक विरासत से जोड़ते हैं। इस तरह के आयोजन समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष : बुरहानपुर के ग्राम बहादरपुर में मोती माता की स्थापना और धर्म आधारित प्रतियोगिता की यह अनोखी परंपरा न केवल स्थानीय संस्कृति को जीवंत रखती है, बल्कि लोगों को धार्मिकता और संस्कृति के प्रति जागरूक भी करती है। इस प्रकार के आयोजन समाज में एकता और समर्पण की भावना को बढ़ाते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।
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