Indian News | आज भक्तिभाव से विद्यादायिनी माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जायेगी। सरस्वती पूजा को लेकर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों व पूजा समितियों द्वारा तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष पूजन का शुभ मुहूर्त, संकल्प और कलश स्थापना का समय प्रात: काल 7.56 के बाद से लेकर दोपहर 1.22 बजे तक है। ऐसी मान्यता है कि मां सरस्वती की पूजा करने से अज्ञानी व्यक्ति भी ज्ञानी बन जाता है। इनकी आराधना करने से संबंधित व्यक्ति को हर प्रकार का ज्ञान, कला, संगीत व वाणी की वरदान मिल जाती है।

वसंत पंचमी के दिन राशि के अनुसार अलग-अलग रंग की कलम मां सरस्वती को चढ़ाने से विद्या की प्राप्ति होती है। माता सरस्वती पूजा को लेकर वर्षा के बावजूद शुक्रवार को बाजार में दिन भर चहल-पहल रही। बाजार में पूजा सामग्री, फल, फूल से लेकर मिठाई दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गयी। दिन भर मां सरस्वती की प्रतिमा को पूजा स्थल तक ले जाने का सिलसिला जारी रहा।

इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड गाइडलाइन के अनुरूप माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाएगी। मूर्तिकार राजू कुमार ने बताया कि पांच सौ रुपये से लेकर 3 हजार रुपये तक की मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, शैक्षणिक संस्थानों में छोटी मूर्तियां ही ज्यादा पसंद की जाती हैं।




पूजन विधि – शरीर पर तेल से मालिश करें। स्नान के बाद आभूषण धारण कर पीले वस्त्र धारण करें। कलश की स्थापना करके गणेश, सूर्य, विष्णु तथा शंकर की पूजा करके बाद में देवी सरस्वती की पूजा करें। शिशुओं को तिलक लगाकर अक्षर ज्ञान प्रारंभ कराने की भी प्रथा है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथाशक्ति दान देना चाहिए।

देवी सूक्त से सरस्वती मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मूल मंत्र

ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।

मां सरस्वती जी की आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ।।जय..।।

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।

सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय.।।

बायें कर में वीणा, दूजे कर माला।

शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ।।जय..।।

देव शरण में आये, उनका उद्धार किया।

पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।जय..।।

वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।।

मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।जय..।।

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।

ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।जय..।।

मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।

हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।।जय..।।

सरस्वती पूजा मंत्र

विघ्न-बाधाओं को दूर करने के लिए

ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी।

मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।।

सरस्वती देवी का मूल मंत्र

ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥

शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥

हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्।

वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥

मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र

ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

मां सरस्वती की आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सद्गुण वैभवशालिनी, त्रिभुवन विख्याता।।

जय सरस्वती माता…

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।

सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।।

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